एल्कीन
वह असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिसमें केवल एक कार्बन-कार्बन द्विआबंध (>C=C<) उपस्थित होता है। एल्कीन (alkenes in Hindi) कहलाती है। एल्कीन का सामान्य सूत्र CnH2n होता है। एथिलीन या एथीन (C2H4) एल्कीन श्रेणी का प्रथम सदस्य है। तथा प्रोपिलीन (प्रोपीन) इस श्रेणी का दूसरा सदस्य है। एल्कीन को ओलिफिन भी कहते हैं।
• एथिलीन : बनाने की विधि, भौतिक व रासायनिक गुण, उपयोग तथा परीक्षण
एल्कीन के विचरन की विधि
1. एल्काइन से – लिंडलार उत्प्रेरक की उपस्थिति में एल्काइन हाइड्रोजन के द्वारा अपचयित होकर एल्कीन देती है।
\scriptsize \begin{array}{rcl} CH≡CH \\ एथाइन \end{array} + H2 \xrightarrow {Pd/c} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_2=CH_2 \\ एथीन \end{array}
2. ऐल्कोहॉल के निर्जलीकरण – ऐल्कोहॉल को सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर जल का एक अणु मुक्त होता है। और एल्कीन बनती है।
अतः इस अभिक्रिया को ऐल्कोहॉल का अम्लीय निर्जलीकरण कहते हैं।
\scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3CH_2OH \\ एथेनॉल \end{array} \xrightarrow [∆] {सांद्र H_2SO_4} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_2=CH_2 \\ एथीन \end{array} + H2O
पढ़ें… एल्काइन क्या है, सामान्य सूत्र, संरचना, गुण, बनाने की विधि तथा उदाहरण लिखिए
पढ़ें… एल्केन क्या है, सामान्य सूत्र, बनाने की विधि, गुण एवं संरचना, उदाहरण
एल्कीन के उदाहरण
एल्कीन के अनेक उदाहरण हैं जो निम्न प्रकार से हैं।
1. एथिलीन – C2H4
2. प्रोपिलीन – C3H6
3. ɑ, β या आइसो ब्यूटिलीन C4H8
4. ɑ या β एमिलीन – C5H10
एल्कीन के भौतिक गुण
- एल्कीन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथिलीन तथा द्वितीय सदस्य प्रोपिलीन है।
- एल्कीन जल में विलेय होती है। परंतु कार्बनिक विलायक जैसे – ऐल्कोहॉल, ईथर और बेंजीन में विलेय होती हैं।
- एल्कीन श्रेणी के प्रथम तीन सदस्य गैसें हैं तथा अगले 14 सदस्य द्रव हैं। एवं इससे अधिक सदस्य ठोस होती हैं।
- एथीन, रंगहीन तथा हल्की मधुर सुगंध वाली गैस है। एवं अन्य सभी एल्कीनें रंगहीन तथा सुगंधित हैं।
- एल्कीनों के गलनांक, क्वथनांक तथा आपेक्षिक घनत्व अणुभार के बढ़ने पर बढ़ते जाते हैं।
- सभी एल्कीनें वायु में प्रकाश युक्त लौ के साथ जलती हैं।
एल्कीन के रासायनिक गुण
1. हाइड्रोजन का योग – एल्कीन बारीक पिसे हुए निकेल (पैलेडियम या प्लैटिनम) की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस के एक अणु के योग से एल्केन बनाती है।
\scriptsize \begin{array}{rcl} CH_2=CH_2 \\ ऐथीन \end{array} + H2 \xrightarrow {Ni} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3–CH_3 \\ एथेन \end{array}
2. जल का संयोजन – एल्कीन अम्लीय उत्प्रेरकों की उपस्थिति में जल के साथ अभिक्रिया करके एल्कोहॉल बनाती हैं यह अभिक्रिया मार्कोनिकॉफ नियमानुसार होती है।
3. दहन – एल्कीन वायु या ऑक्सीजन में दीप्तिमान ज्वाला के साथ जलती है। तथा कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और जल बनता है।
C2H4 + 3O2 \longrightarrow 2CO2 + 2H2O + ऊष्मा
एल्कीन की संरचना
एल्कीन में C=C द्विआबंध होता है। जिसमें एक प्रबल σ-बंध तथा एक दुर्बल π-बंध होता है। सभी एल्कीनों में द्विआबंध कार्बन परमाणु पर sp2 संकरण होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु से दो हाइड्रोजन परमाणु σ-बंध द्वारा जुड़े रहते हैं। तथा H–C–H के बीच 120° का कोण होता है। C—C एकल बंध की लंबाई (1.54 Å) की तुलना में C=C द्विआबंध की लंबाई (1.34 Å) छोटी होती है। एल्कीन की संरचना को चित्र द्वारा प्रदर्शित किया गया है।
एल्कीन संबंधी प्रश्न उत्तर
Q.1 एल्काइन का सामान्य सूत्र है?
Ans. CnH2n
Q.2 एल्कीन श्रेणी का प्रथम सदस्य है?
Ans. एथिलीन C2H4