एल्काइन
वह असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिसमें दो कार्बन परमाणुओं के मध्य त्रिआबंध उपस्थित होता है। एल्काइन (alkynes in Hindi) कहलाती हैं। एल्काइन का सामान्य सूत्र CnH2n-2 होता है। एल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य एसिटिलीन है एल्केन और एल्कीन की तुलना में एल्काइन में हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या कम होती है।
• एसिटिलीन क्या है, बनाने की विधि, गुण, उपयोग, अम्लीय प्रकृति तथा रासायनिक परीक्षण
एल्काइन बनाने की विधि
1. प्रयोगशाला विधि – कैल्शियम कार्बाइड की जल के साथ क्रिया कराने पर एल्काइन (एसिटिलीन) बनती है।
CaC2 + 2H2O \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} HC≡CH \\ एसीटिलीन \end{array} + Ca(OH)2
2. हैलोफॉर्म से – क्लोरोफॉर्म अथवा आयोडोफॉर्म को सिल्वर चूर्ण के साथ गर्म करने पर एल्काइन प्राप्त होती है।
\scriptsize \begin{array}{rcl} 2CHI_3 \\ आयोडोफॉर्म \end{array} + \scriptsize \begin{array}{rcl} 6Ag \\ सिल्वर\,चूर्ण \end{array} \xrightarrow {गर्म} \scriptsize \begin{array}{rcl} HC≡CH \\ एसीटिलीन \end{array} + 6AgI
\scriptsize \begin{array}{rcl} 2CHCl_3 \\ क्लोरोफॉर्म \end{array} + \scriptsize \begin{array}{rcl} 6Ag \\ सिल्वर\,चूर्ण \end{array} \xrightarrow {गर्म} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH≡CH \\ एसीटिलीन \end{array} + 6AgCl
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एल्काइन के उदाहरण
एल्काइनों के निम्न उदाहरण है जैसे –
1. एसिटिलीन – C2H2
2. एनिलीन (या मेथिल एसिटिलीन) – C3H4
3. क्रोटोनिलीन (या एथिल एसिटिलीन) – C4H6
एल्काइन के भौतिक गुण
- एल्काइन श्रेणी के प्रथम तीन सदस्य गैस हैं। तथा अगले आठ सदस्य द्रव एवं अन्य उच्चतर सदस्य ठोस होते हैं।
- एल्काइनें रंगहीन तथा गंधहीन होती हैं। एसिटिलीन की लहसुन जैसी गंध होती है।
- एल्काइन जल में अविलेय होती हैं एवं कार्बनिक विलायक जैसे ईथर, बेंजीन, एसीटोन आदि में विलेय होती है।
- एल्काइनों के गलनांक, क्वथनांक और आपेक्षिक घनत्व अणुभार के बढ़ने के साथ बढ़ते हैं।
एल्काइन के रासायनिक गुण
1. दहन – एसिटिलीन वायु या ऑक्सीजन गैस में दीप्त ज्वाला के साथ जलती है तथा अभिक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड CO2 और जल बनते हैं।
2C2H2 + 5O2 \longrightarrow 4CO2 + 2H2O
2. हाइड्रोजन का योग – सूक्ष्म विभाजित निकैल, प्लेटिनम या पैलेडियम उत्प्रेरक की उपस्थिति में एल्काइनों में हाइड्रोजन का योग दो पदों में होता है पहले एल्कीन तथा बाद में एल्केन बनती है।
3. जल का योग – एल्काइन 333K ताप पर मर्क्यूरिक सल्फेट तथा तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में जल के एक अणु के साथ संयुक्त होकर कार्बोनिल यौगिक बनाती हैं।
एल्काइन की संरचना
एथाइन (एसिटिलीन) अणु की आकृति रेखीय होती है। एथाइन तथा अन्य एल्काइनों में त्रिआबंध कार्बन परमाणु पर sp संकरण होता है। एसिटिलीन के दो कार्बन परमाणु एक दूसरे से त्रिआबंध द्वारा जुड़े रहते हैं। जिसमें एक σ-बंध और दो π-बंध होते हैं। चित्र द्वारा दर्शाया गया है।
H–C–C आबंध के बीच 180° का कोण होता है। C≡C त्रिआबंध की लंबाई (120pm), C=C द्विआबंध की लंबाई (134pm) और C–C एकल बंध की लंबाई (154pm) की तुलना में छोटी होती है।
एल्काइन संबंधी प्रश्न उत्तर
Q.1 एल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य है?
Ans. एसिटिलीन
Q.2 एल्काइन का सामान्य सूत्र है?
Ans. CnH2n-2