बेंजीन
बेंजीन मोनोसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बनों की सजातीय श्रेणी का प्रथम सदस्य है। इस श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n-6 होता है। बेंजीन का अणु सूत्र C6H6 होता है। बेंजीन सामान्यतः विशिष्ट गंध वाली रंगहीन द्रव या ठोस होती है। यह हैलोजनीकरण, नाइट्रीकरण, सल्फोनीकरण तथा अन्य प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं सफलतापूर्वक प्रदर्शित करती है।
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बेंजीन बनाने की विधि
1. प्रयोगशाला विधि – बेंजोइक अम्ल को सोडा लाइम के साथ गर्म करने पर बेंजीन प्राप्त होती है। यह अभिक्रिया कार्बोक्सिलिक अम्ल का विकार्बोक्सिलिकरण कहलाती है।
2. फिनोल के अपचयन से – फिनोल की वाष्प को जिंक चूर्ण पर प्रवाहित करने पर बेंजीन अपचयित होती है।
बेंजीन के भौतिक गुण
- बेंजीन और इसके समजातीय रंगहीन द्रव या ठोस होते हैं। जिसकी विशेष गंध होती है।
- बेंजीन का क्वथनांक 80°C होता है। तथा यह एक अति ज्वलनशील द्रव है।
- बेंजीन जल में अविलेय है परंतु कार्बनिक विलायकों जैसे ईथर और एल्कोहोल में पूर्ण विलेय है।
- बेंजीन एक अध्रुवी यौगिक है। इसका द्विध्रुव आर्घूण शून्य है।
- बेंजीन काले धुएं की ज्वाला के साथ जलता है।
- बेंजीन तथा अधिकतर एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जल से हल्के होते हैं।
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बेंजीन के रासायनिक गुण
1. नाइट्रोकरण – बेंजीन, सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में नाइट्रिक अम्ल HNO3H के साथ क्रिया करके नाइट्रोबेंजीन बनाती है। यह एक इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया है।
2. हाइड्रोजनीकरण – निकैल उत्प्रेरक की उपस्थिति में उच्च ताप एवं दाब पर बेंजीन, हाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया द्वारा साइक्लोहेक्सीन C6H12 बनाती है।
इस अभिक्रिया को योग अभिक्रिया कहते हैं। क्योंकि इसमें बेंजीन अणु में 6 हाइड्रोजन परमाणुओं का योग होता है।
3. फ्रिडेल क्राफ्ट एल्किलीकरण – निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में बेंजीन की अभिक्रिया किसी एल्किल हैलाइड से कराने पर एल्किल बेंजीन प्राप्त होती है।
बेंजीन की संरचना
बेंजीन का अणु सूत्र C6H6 होता है। बेंजीन अणु में इसकी संगत एल्केन से 8 हाइड्रोजन कम हैं जिससे यह पता चलता है कि बेंजीन एक अत्यधिक असंतृप्त यौगिक है।
बेंजीन विशेष परिस्थितियों में हैलोजन और हाइड्रोजन के साथ योगात्मक यौगिक बनाती हैं।
बेंजीन की केकुले संरचना
सर्वप्रथम केकुले ने बेंजीन की चक्रीय संरचना प्रस्तुत की। तथा बताया कि बेंजीन 6 कार्बन परमाणुओं का एक चक्रीय अणु है प्रत्येक कार्बन से एक हाइड्रोजन परमाणु जुड़ा होता है तथा 6 कार्बन परमाणु एक दूसरे से एकांतर से एकल और द्विआबंध से जुड़कर एक षट्कोणीय वलय बनाते हैं। बेंजीन की संरचना चित्र में दर्शाई गई है।
यह दोनों ही बेंजीन की संरचना है। कि केकुले सूत्र से बेंजीन के 1, 2-और 1, 6-दो ऑर्थो-द्विप्रतिस्थापित उत्पन्न होते हैं। परंतु बेंजीन का केवल एक ऑर्थो-द्विप्रतिस्थापित उत्पन्न होता है। यह केकुले सूत्र का एक दोष है।
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