मेथेन गैस : बनाने की विधि, सूत्र, उपयोग व रासायनिक गुण, मार्श गैस

मेथेन

मेथेन का अणुसूत्र CH4 होता है। तथा इसका अणुभार 16 है। यह प्राकृतिक गैस और तेल के कुओं से निकलने वाली गैसों में उपस्थित होती है। मेथेन और वायु के निर्माण को मिश्रण को जलाने पर भयंकर विस्फोट होता है। यही गैस कोयले की खानों में होने वाले विस्फोटों का कारण होती है। विस्फोटक गुण के कारण इसे फायर डैम्प भी कहते हैं।

मेथेन गैस बनाने की विधि

1. एल्किल हैलाइड से – एल्किल हैलाइड का जिंक और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल द्वारा अपचयन करने पर मेथेन गैस प्राप्त होती है।
\scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3I \\ आयोडोमेथेन \end{array} + Zn + HCl \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_4 \\ मेथेन \end{array} + Zn2+ + I + Cl

2. प्रयोगशाला विधि – प्रयोगशाला में मेथेन को निर्जल सोडियम एसीटेट तथा सोडा लाइम के विलयन को गर्म करने पर बनाया जाता है। विलयन में CH3COONa तथा NaOH को 1 : 2 के अनुपात में लेते हैं।
\scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3COONa \\ सोडियम\,एसीटेट \end{array} + \scriptsize \begin{array}{rcl} NaOH \\ सोडालाइम \end{array} \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_4 \\ मेथेन \end{array} + Na2CO3

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मेथेन के भौतिक गुण

  • मेथेन रंगहीन, गंधहीन और अविषैली गैस है।
  • यह जल में अल्प विलेय होती है। परंतु कार्बनिक विलायकों जैसे- ईथर और ऐल्कोहॉल में पूर्ण विलेय है।
  • मेथेन वायु से हल्की गैस है।
  • NTP पर मेथेन का घनत्व 0.71 ग्राम/लीटर होता है।
  • मेथेन का क्वथनांक -164°C तथा हिमांक -184°C होता है।

मेथेन के रासायनिक गुण

1. दहन – मेथेन को वायु या ऑक्सीजन के साथ जलाने पर यह जलकर कार्बन डाइऑक्साइड और जल बनाती है। तथा इस अभिक्रिया में ऊष्मा मुक्त होती है।
CH4 + 2O2 \longrightarrow CO2 + 2H2O

2. हैलोजनीकरण – मेथेन की ब्रोमीन के साथ प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं होती हैं। सूर्य के विसरित प्रकाश में मेथेन को गर्म करने पर इसके चारों हाइड्रोजन परमाणु का एक-एक ब्रोमीन परमाणुओं द्वारा विस्थापित हो जाते हैं।
\scriptsize \begin{array}{rcl} CH_4 \\ मेथेन \end{array} + Br2 \xrightarrow {hv} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3Br \\ मेथिल\,ब्रोमाइड \end{array} + HBr

3. ताप अपघटन – 1000°C ताप पर वायु की अनुपस्थिति में मेथेन को गर्म करने पर यह अपने अवयवों में अपघटित हो जाती है।
CH4 \xrightarrow {1000°C} \scriptsize \begin{array}{rcl} C \\ कार्बन\,ब्लेक \end{array} + 2H2

4. मेथेन, ओजोन O3 के साथ अभिक्रिया करके फॉर्मेल्डिहाइड (HCHO) बनाती है।
2CH4 + 2O3 \longrightarrow 2HCHO + O2 + 2H2O

मेथेन के उपयोग

  1. मेथेन का उपयोग मेथिल एल्कोहोल एवं अन्य कार्बनिक विलायकों को बनाने में किया जाता है।
  2. ईंधन के रुप में मेथेन प्रयुक्त की जाती है।
  3. कार्बन ब्लैक के उत्पादन में।
  4. सिंथेसिस गैस (CO + 3H2) प्राप्त करने में।

मेथेन गैस को मार्श गैस क्यों कहते हैं

प्राकृतिक गैस और तेल के कुओं से निकलने वाली गैसों में मेथेन गैस उपस्थित होती है। मुख्य घटक के रूप में मेथेन गैस दलदली वाले स्थानों में पेड़ पौधे व अन्य कार्बनिक पदार्थों के सड़ने से उत्पन्न गैसों में उपस्थित होती है। जिस कारण मेथेन को मार्श गैस भी कहते हैं।
मार्श का हिंदी मतलब दलदल होता है।


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हेलो छात्रों, मेरा नाम अमन है। Physics, Chemistry और Mathematics मेरे पसंदीदा विषयों में से एक हैं। मुझे पढ़ना और पढ़ाना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। मैंने 2019 में इंटरमीडिएट की परीक्षा को उत्तीर्ण किया। और इसके बाद मैंने इंजीनियरिंग की शिक्षा को उत्तीर्ण किया। इसलिए ही मैं studynagar.com वेबसाइट के माध्यम से आप सभी छात्रों तक अपने विचारों को आसान भाषा में सरलता से उपलब्ध कराने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

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