बेरिलियम का असंगत व्यवहार
बेरिलियम s-ब्लॉक के वर्ग 2 का प्रथम तत्व है। यह वर्ग में मैग्नीशियम तथा अन्य तत्वों के साथ असंगत व्यवहार दिखाता है। बेरिलियम की परमाणु और आयनिक त्रिज्याएं अन्य क्षारीय मृदा धातुओं की अपेक्षा बहुत छोटी होती हैं जिस कारण बेरिलियम गुणों में अन्य क्षारीय मृदा धातुओं से भिन्नता प्रदर्शित करता है। इसके असंगत व्यवहार निम्न प्रकार से हैं।
- सभी क्षारीय मृदा धातुएं में जल से के साथ अभिक्रिया करती हैं। जबकि बेरिलियम जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है।
- बेरिलियम का परमाणीय एवं आयनिक आकार असाधारण रूप से छोटा होता है।
- उच्च आयनन एंथैल्पी एवं न्यून परमाणु आकार के कारण बेरिलियम के यौगिक वृहद् रूप से सहसंयोजी होते हैं।
- बेरिलियम की उपसहसंयोजन संख्या 4 से अधिक नहीं होती है। जबकि वर्ग के अन्य तत्वों की उपसहसंयोजन संख्या 6 तक हो सकती है।
- बेरिलियम फ्लुओराइड जल में पूर्ण रूप से विलेय हैं इसकी विलेयता का कारण बेरिलियम आयन की उच्च हाइड्रेशन ऊर्जा है। जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के फ्लुओराइड जेल में अल्प विलेय हैं।
- बेरिलियम के ऑक्साइड एवं हाइड्रोक्साइड का स्वभाव उदयधर्मी होता है। जबकि अन्य सदस्यों के ऑक्साइड एवं हाइड्रोक्साइड क्रमशः क्षारीय एवं प्रबल क्षार होते हैं।
- बेरिलियम सल्फेट एवं मैग्नीशियम सल्फेट जल में विलेय होते हैं। परंतु वर्ग के अन्य तत्वों के सल्फेट जल में अविलेय होते हैं।
बेरिलियम एवं एलुमिनियम में विकर्ण संबंध
बेरिलियम, एलुमिनियम से विकर्ण संबंध प्रदर्शित करता है। और जिन गुणों में यह मैग्नीशियम से भिन्न होता है वह गुणधर्मों में एलुमिनियम से मिलते हैं। Be2+ की अनुमानित आयनिक त्रिज्या 31pm है इसका आवेश/त्रिज्या का अनुपात Al3+ आयन के आवेश/त्रिज्या के अनुपात के लगभग समान है। अतः बेरिलियम एवं एलुमिनियम की कुछ समानताएं निम्न प्रकार से हैं।
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- एलुमिनियम के समान बेरिलियम शीघ्रता से अम्लों से प्रभावित नहीं होता है। क्योंकि धातु की सतह पर ऑक्साइड की परत होती है।
- बेरिलियम एवं एलुमिनियम दोनों ही उभयधर्मी है चूंकि दोनों ही क्षार के विलयन से अभिक्रिया करते हैं तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
- बेरिलियम एवं एलुमिनियम आयन दोनों ही संकर यौगिक बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं। जैसे BeF42- एवं AlF63-।
- बेरिलियम एवं एलुमिनियम दोनों फ्लुओराइड आयनों के साथ, फ्लुओरो संकर यौगिक Na2[BeF4] एवं Na3[AlF6] बनाते हैं।
- बेरिलियम कार्बाइड (Be2C) एवं एलुमिनियम कार्बाइड (Al4C3) दोनों जल से अभिक्रिया करने के पश्चात मेथेन गैस मुक्त करते हैं।
Be2C + 4H2O \longrightarrow 2Be(OH)2 + CH4
Al4C3 + 12H2O \longrightarrow 24Al(OH)4 + 3CH4 - बेरिलियम क्लोराइड (BeCl2) और एलुमिनियम क्लोराइड (Al2C6) दोनों वाष्पशील सहसंयोजक यौगिक हैं। यह दोनों ही जल अपघटित हो जाती हैं।
Bahut achaa
Ok
Very good notes