आनुवंशिकता नोट्स | class 10 science chapter 8 notes in Hindi PDF

प्रत्येक जीवधारी अपने ही समान संरचना एवं गुणों वाली सन्तान को जन्म देता है। जैसे – शेर का बच्चा शेर ही होता है। घोड़े का बच्चा घोड़ा ही होता है तथा गुलाब से केवल गुलाब ही पैदा होता है।

आनुवंशिकता नोट्स

सभी जीव अपने ही समान सन्तान को उत्पन्न करते हैं। जैसे – गाय बछड़े को, कुत्ता पिल्ले को जन्म देता है इसी प्रकार मटर के दाने से मटर का पौधा, आम की गुठली से आम का वृक्ष बनता है। अतः जीवों में कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जो जनक (माता-पिता) से सन्तानों में आते हैं। इन लक्षणों के कारण ही सन्तानों में अपने जनकों की समानता होती है।

आनुवंशिकता नोट्स
आनुवंशिकता नोट्स

सन्तानों में माता-पिता से प्राप्त इस प्रकार के लक्षणों को आनुवांशिक लक्षण या वंशागत लक्षण कहते हैं। जीवधारियों की एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में विभिन्न लक्षणों के संचरण को आनुवंशिकता (heredity in Hindi) कहते हैं।

कुछ लक्षणों में समान होने पर भी सभी सन्ताने एक ही माता-पिता से या आपस में बिल्कुल सामान नहीं होती हैं। एक ही मां के गर्भ से पैदा हुए दो बच्चे एक समान नहीं होते हैं अतः स्पष्ट है कि एक ही माता-पिता की विभिन्न सन्तानों में अंतर पाए जाते हैं। जीवधारियों में पाए जाने वाले इन अन्तरों को विभिन्नताएं कहते हैं।

मेण्डल के नियम

ग्रेगर जॉन मेण्डल को आनुवांशिकता का जनक कहा जाता है। मेण्डल ने मटर के विभिन्न गुणों वाले पौधों के बीच संकरण कराया और इससे प्राप्त परिणामों के आधार पर वंशागति के महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले। मेण्डल द्वारा मटर के पौधे पर किए गए संकरण प्रयोग अत्यन्त मूल्यवान तथा मौलिक माने जाते हैं।

मेण्डल के आनुवंशिकता के नियम तीन प्रकार से हैं।
1. एकल लक्षण तथा प्रभावित का नियम
2. पृथक्करण या युग्मकों की शुद्धता का नियम
3. स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम

1. एकल लक्षण तथा प्रभावित का नियम

इस नियम के अनुसार, जब परस्पर विपरीत लक्षणों वाले पौधों के बीच संकरण कराया जाता है तो उनकी सन्तानों में इन लक्षणों में से एक लक्षण परिलक्षित होता है जिसे प्रभावी लक्षण कहते हैं। तथा दूसरा लक्षण दिखाई नहीं देता है। जिसे अप्रभावी लक्षण कहते हैं।

2. पृथक्करण या युग्मकों की शुद्धता का नियम

इस नियम के अनुसार, जब F1 पीढ़ी के विषमयुग्मजी पौधों में स्वपरागण कराया जाता है तो दूसरी पीढ़ी F2 की सन्तानों में परस्पर विपरीत लक्षणों का एक निश्चित अनुपात में पृथक्करण हो जाता है। इससे स्पष्ट है की प्रथम पीढ़ी के साथ-साथ रहने पर भी गुणों में के जीन्स में मिश्रण नहीं होता। और युग्म निर्माण के समय यह लक्षण अलग-अलग हो जाते हैं।

3. स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम

इस नियम के अनुसार, दो जोड़ी विपरीत लक्षणों वाले जनकों के बीच संकरण कराया जाता है। तो इन दोनों लक्षणों का पृथक्करण एक दूसरे से स्वतन्त्र रूप में होता है। अर्थात् एक लक्षण की वंशागति दूसरे लक्षण को प्रभावित नहीं करती है। इस नियम को मेण्डल ने द्विसंकर क्रॉस से स्पष्ट किया।

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लिंग निर्धारण

मनुष्य की सभी कायिक तथा जनन कोशिकाओं में 46 गुणसूत्र होते हैं इनमें से 44 गुणसूत्र के 22 जोड़े समजात होते हैं। जिन्हें ऑटोसोम्स कहते हैं। तथा शेष एक जोड़ी गुणसूत्रों को लिंग गुणसूत्र कहते हैं। यह गुणसूत्र केवल लिंग निर्धारण करते हैं। जंतुओं में इनका केवल एक जोड़ा होता है। पुरुष और स्त्री में यह गुणसूत्र का जोड़ा एक दूसरे से भिन्न होता है। मादा (स्त्रियों) में दोनों लिंग गुणसूत्र का एक जैसे होते हैं। जिन्हें X-गुणसूत्र कहते हैं। तथा नर (पुरुषों) में दोनों लिंग गुणसूत्र अलग-अलग आकार के होते हैं। एक गुणसूत्र तो मादा के X-गुणसूत्र के समान होता है। तथा दूसरा गुणसूत्र भिन्न होता है जिसे Y-गुणसूत्र कहते हैं।

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मानव में लिंग निर्धारण

X-गुणसूत्र मादा निर्धारक और Y-गुणसूत्र नर निर्धारक होता है। अतः मादा में XX और नर में XY गुणसूत्र होते हैं। इस प्रकार
(i) पुरुषों (नर) में गुणसूत्र = 44+XY
(ii) स्त्रियों (मादा) में गुणसूत्र = 44+XX

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मनुष्य में लिंग निर्धारण
• स्त्रियों में दोनों लिंग गुणसूत्र एक ही प्रकार के होते हैं। X और X यानि XX गुणसूत्र।
• पुरुषों में दोनों लिंग गुणसूत्र अलग-अलग प्रकार के होते हैं। X और Y यानि XY गुणसूत्र।
लिंग निर्धारण को और अच्छे से चित्र द्वारा समझा जा सकता है।

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कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 9 नोट्स में कई महत्वपूर्ण टॉपिक है। जिनके बारे में Study Nagar पर अच्छे से समझाया गया है। अगर आपको इससे संबंधित कोई परेशानी या आपका कोई प्रश्न हो तो आप सभी छात्र Study Nagar Team से कमेंट या ईमेल के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।हमारी टीम आपकी जल्दी से जल्द समस्या सुलझाने का प्रयास करेगी।


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हेलो छात्रों, मेरा नाम अमन है। Physics, Chemistry और Mathematics मेरे पसंदीदा विषयों में से एक हैं। मुझे पढ़ना और पढ़ाना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। मैंने 2019 में इंटरमीडिएट की परीक्षा को उत्तीर्ण किया। और इसके बाद मैंने इंजीनियरिंग की शिक्षा को उत्तीर्ण किया। इसलिए ही मैं studynagar.com वेबसाइट के माध्यम से आप सभी छात्रों तक अपने विचारों को आसान भाषा में सरलता से उपलब्ध कराने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

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