विद्युत रासायनिक श्रेणी क्या है इसके उपयोग, सीमाएं, अनुप्रयोग किसे कहते हैं लिखिए pdf

विद्युत रासायनिक श्रेणी

विभिन्न तत्वों को मानक अपचयन इलेक्ट्रोड को बढ़ते हुए क्रम में रखने पर जो श्रेणी प्राप्त होती है। उसे विद्युत रासायनिक श्रेणी (electrochemical series in Hindi) कहते हैं।
विद्युत रासायनिक श्रेणी में तत्वों का क्रम कुछ इस प्रकार होता है।

Li , K , Ca , Na , Mg , Al , H2 , Zn , Cr , Fe , Ni , Sn , Pb , Cu , I2 , O2 , Fe , Hg , Ag , Cl2 , Mn , F2

विद्युत रासायनिक श्रेणी की विशेषताएं

  • श्रेणी में नीचे से ऊपर की ओर जाने पर ऑक्सीकृत की दर में वृद्धि होती है।
  • श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर अपचयन क्षमता में कमी होती है।
  • श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर वाले तत्व दुर्बल अपचायक है जबकि हाइड्रोजन नीचे वाले तत्व हाइड्रोजन की तुलना में प्रबल अपचायक है।
  • श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करने की प्रवृत्ति में वृद्धि होती है।

विद्युत रासायनिक श्रेणी के अनुप्रयोग

1. जिस धातु में ऑक्सीकृत की प्रवृत्ति जितनी अधिक होगी। उसकी क्रियाशीलता उतनी ही अधिक होगी। अतः विद्युत रासायनिक श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धातुओं की क्रियाशीलता कम होती है।
2. विद्युत रासायनिक श्रेणी में जिस धातु का स्थान ऊंचा होता है वह धातु अपने से नीचे स्थान की धातुओं को उनके लवण के विलयन से विस्थापित कर देती हैं।
3. विद्युत रासायनिक श्रेणी में धातुओं की धन विद्युती प्रवृत्ति ऊपर से नीचे की ओर घटती जाती है।
4. हाइड्रोजन के नीचे के सभी क्षीण (कमजोर) तत्व धन विद्युती गुण प्रदर्शित करते हैं।
5. विद्युत रासायनिक श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धातुओं की अपचायक क्षमता घटती जाती है।
6. जो धातु श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर है वह तनु अम्लों के साथ हाइड्रोजन गैस मुक्त कर देती हैं।
7. इस श्रेणी में जो अधातु जितनी नीचे होती है उसकी क्रियाशीलता उतनी ही अधिक होती है।

विद्युत रासायनिक श्रेणी के उपयोग

1. विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से धातुओं की क्रियाशीलता ज्ञात की जा सकती है।
2. इस श्रेणी की सहायता से धातुओं की अपचायक क्षमता की तुलना की जा सकती है।
3. इस श्रेणी की सहायता से धातुओं की ऑक्सीकृत प्रवत्ति ज्ञात कर सकते हैं।

विद्युत रासायनिक श्रेणी के गुण

  • वह धातुएं जो हाइड्रोजन से दुर्बल अपचायक हैं उनका मानक इलेक्ट्रोड विभव धनात्मक होता है।
  • वह धातुएं जो हाइड्रोजन से प्रबल अपचायक है उनका मानक इलेक्ट्रोड विभव ऋणात्मक होता है।
  • जिन धातुओं की इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति अधिक होती है उनका मानक अपचयन विभव धनात्मक होता है।
  • श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉन त्यागने का गुण कम होता जाता है।

Note –
विद्युत रासायनिक श्रेणी में बहुत सी धातुएं तथा अधातुएं हैं सभी का मानक इलेक्ट्रोड विभव याद करना काफी मुश्किल है। तो हम कुछ महत्वपूर्ण तत्वों की मानक इलेक्ट्रोड विभव बता देते हैं। अगर आप इनके मान याद कर लेंगे तो लगभग विद्युत रासायनिक श्रेणी से संबंधित सभी सवाल कर पाएंगे। क्योंकि ज्यादातर सवालों में यही तत्व प्रयोग किए जाते हैं।

Zn = – 0.76
Al = – 1.66
Cu = + 0.34
Mg = – 2.37
Ag = + 0.80
Fe2+ = – 0.44
Fe3+ = – 0.77
अगर आप यह मान याद कर लेंगे तो अधिकतम सवाल कर पाएंगे, विद्युत रासायनिक श्रेणी से संबंधित।

अगर आप विद्युत रासायनिक श्रेणी की पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं। तो वह भी हमने प्रदान की है डाउनलोड कर लें।

Download विद्युत रासायनिक श्रेणी PDF


शेयर करें…

3 thoughts on “विद्युत रासायनिक श्रेणी क्या है इसके उपयोग, सीमाएं, अनुप्रयोग किसे कहते हैं लिखिए pdf

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *