प्राथमिक तथा द्वितीयक बैटरी क्या है, अंतर, उदाहरण, शुष्क सेल, मरकरी सेल और सीसा संचायक सेल

प्राथमिक सेल (बैटरी)

वह सेल जिनमें रसायनिक अभिक्रिया केवल एक बार ही होती है अर्थात् इन सेलों को पुनः आवेशित नहीं किया जा सकता है प्राथमिक सेल या प्राथमिक बैटरियां (primary cell in Hindi) कहते हैं।
प्राथमिक सेलों का एक बार प्रयोग करने के बाद यह अनुप्रयोग या मृत्यु हो जाते हैं। जिस कारण इन्हें पुनः चार्ज नहीं किया जा सकता है।

प्राथमिक तथा द्वितीयक बैटरी क्या है
प्राथमिक तथा द्वितीयक बैटरी क्या है

प्राथमिक सेल के उदाहरण

शुष्क सेल, मरकरी सेल तथा डेनियल सेल आदि प्राथमिक सेल के उदाहरण हैं।

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1. शुष्क सेल

यह सेल सामान्य रूप से घड़ियों, टॉर्च, वायरलेस माउस, की-बोर्ड आदि में प्रयोग किए जाते हैं।
इस सेल में जिंक धातु का एक पात्र होता है जो एनोड के रूप में प्रयुक्त होता है। तथा इसमें ग्रेफाइट की एक छड़ होती है जो चारों ओर से मैग्नीज डाइऑक्साइड की चूर्ण से गिरी होती है। यह ग्रेफाइट की छड़ कैथोड का कार्य करती है। कैथोड के मध्य का स्थान NH4Cl एवं ZnCl4 के नम पेस्ट से भरा रहता है।
चित्र से स्पष्ट है।

शुष्क सेल
शुष्क सेल

इस सेल के कैथोड एवं एनोड पर निम्न अभिक्रियाएं संपन्न होती हैं।
एनोड पर Zn (s) → Zn2+ + 2e
कैथोड पर MnO2 + NH+4 + e → MnO(OH) + NH3

2. मरकरी सेल

मरकरी सेल एक विशेष प्रकार का शुष्क सेल ही है मरकरी सेल का उपयोग श्रवण यंत्र, घड़ियों, केमरो आदि विद्युत की कम मात्रा वाले यंत्रों में किया जाता है।
इस सेल में जिंक एनोड तथा ग्रेफाइट कैथोड का कार्य करते हैं। इनके मध्य HgO तथा पोटेशियम हाइड्रोक्साइड KOH का पेस्ट विद्युत अपघट्य के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। मरकरी सेल की अभिक्रियाएं निम्न प्रकार से हैं।
एनोड पर Zn + 2OH → ZnO (s) H2+O + 2e
कैथोड पर HgO + H2O + 2e → Hg (l) + 2OH

द्वितीयक सेल या बैटरी

वह सेल जिनको विद्युत धारा के प्रवाह द्वारा पुनः आवेशित किया जा सकता है उन्हें द्वितीयक सेल (secondary cell in Hindi) कहते हैं।
इन सेलों को एक बार डिस्चार्ज होने के बाद दोबारा चार्ज करके पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।

द्वितीयक सेल के उदाहरण

मोबाइल की बैटरी, इनवर्टर की बैटरी, चार्जर लाइट आदि द्वितीयक सेल के उदाहरण हैं।

सीसा संचायक सेल

इस प्रकार की बैटरीयों का प्रयोग वाहनों, इन्वर्टर, सोलर सेल की बैटरी आदि में किया जाता है।
इनमें कई सारे सीसा संचायक सेल श्रेणी क्रम में जोड़े होते हैं। सीसा संचायक सेल में लेड (Pb) एनोड का कार्य करती है तथा लेड ऑक्साइड (PbO2) कैथोड के रूप में प्रयुक्त की जाती है। इनमें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) विद्युत अपघट्य भारानुसार प्रयोग किया जाता है।

सीसा संचायक सेल
सीसा संचायक सेल

जब इस सेल को प्रयोग में लिया जाता है तो निम्न अभिक्रिया संपन्न होती हैं।
एनोड पर Pb (s) + SO2-4 (aq) → PbSO4 + 2e
कैथोड पर PbO2 (s) + SO2-4 + 4H+ + 2e → 2PbSO4 (s) + 2H2O
अतः एनोड तथा कैथोड को मिलाकर संपूर्ण सेल पर अभिक्रिया
Pb (s) + PbO2 (s) + 2H2O (aq) → 2PbSO4 (s) + 2H2O (l)

जब बैटरी को आवेशित अर्थात् चार्ज किया जाता है तो यह सारी अभिक्रियाएं विपरीत हो जाती हैं। एनोड, कैथोड आपस में बदल जाते हैं।

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प्राथमिक एवं द्वितीयक सेल सम्बंधित प्रश्न उत्तर

Q.1 प्राथमिक सेल किसे कहते हैं?

Ans. वे सेल जिन्हें रिचार्ज नहीं किया जा सकता है प्राथमिक सेल कहलाते हैं। इनमें उत्पाद को अभिकारक में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।

Q.2 द्वितीयक सेल किसे कहते हैं?

Ans. वे सेल जिन्हें रिचार्ज किया जा सकता है द्वितीयक सेल कहलाते हैं। इनमें उत्पाद को पुनः अधिकारकों में परिवर्तित किया जा सकता है।

Q.3 प्राथमिक और द्वितीयक सेल के उदाहरण बताइए?

Ans. शुष्क सेल, मरकरी सेल और डेनियल सेल प्राथमिक सेल के उदाहरण है। जबकि सिसा संचायक सेल, निकिल कैडमियम सेल द्वितीयक सेल के उदाहरण हैं।

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