एसीटिक अम्ल का आईयूपीएसी नाम एथेनॉइक अम्ल (ethanoic acid in Hindi) है। यह प्राचीन काल से सिरके के रूप में ज्ञात है। सिरके में लगभग 10% एसीटिक अम्ल उपस्थित होता है।
एथेनॉइक अम्ल
एथेनॉइक अम्ल का रासायनिक अणुसूत्र CH3COOH होता है। इसे एसीटिक अम्ल (acetic acid in Hindi) भी कहते हैं। इसका गलनांक 290K तथा क्वथनांक 391K होता है। यह कार्बोक्सिलिक अम्ल समूह का सदस्य है।
एथेनॉइक अम्ल बनाने की विधि
एथेनॉइक अम्ल (एसीटिक अम्ल) बनाने की अनेक विधियां हैं।
1. मेथिल सायनाइड से – मेथिल साइनाइड (CH3CN) के तनु अम्ल अथवा तनु क्षार द्वारा जल अपघटन से एथेनॉइक अम्ल (एसीटिक अम्ल) प्राप्त होता है।
CH3CN + 2H2O + HCl \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3COOH \\ एथेनॉइक\,अम्ल \end{array} + NH4Cl
2. औद्योगिक विधि – औद्योगिक रूप में एथेनॉइक अम्ल को वायु में उपस्थित माइकोडर्मा एसीटि नामक जीवाणु द्वारा एथिल ऐल्कोहॉल से प्राप्त किया जाता है।
C2H5OH + O2 \xrightarrow {माइकोडर्मा\,एसीटि} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3COOH \\ एसीटिक\,अम्ल \end{array} + H2O
एथेनॉइक अम्ल के भौतिक गुण
- शुद्ध एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290K तथा क्वथनांक 391K होता है।
- एथेनॉइक अम्ल में सिरके जैसी तीव्र गंध आती है।
- यह रंगहीन द्रव तथा स्वाद में खट्टा होता है।
- शुद्ध एथेनॉइक अम्ल शीतलन करने पर बर्फ की भांति जम जाता है। इसलिए इसे ग्लैशल एसीटिक अम्ल कहते हैं।
- एसीटिक अम्ल जल ऐल्कोहॉल तथा ईथर में विलेय है।
एथेनॉइक अम्ल (एसीटिक अम्ल) के रासायनिक गुण
1. एस्टीकरण – एथेनॉइक अम्ल किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में एथेनॉल से अभिक्रिया करके एस्टर तथा जल बनते हैं। इस अभिक्रिया को एस्टीकरण कहते हैं।
2. क्षार से अभिक्रिया – एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) जैसे क्षारको से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनता है।
CH3COOH + NaOH \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3COONa \\ सोडियम\,एसीटेट \end{array} + H2O
1. कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट से अभिक्रिया – एथेनॉइक अम्ल कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके लवण, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल का निर्माण करता है।
एथेनॉइक अम्ल (एसीटिक अम्ल) के उपयोग
- एथेनॉइक अम्ल का उपयोग प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में होता है।
- सेलुलोज, रेजिन आदि के विलायक के रूप में।
- सिरका के रूप में खाद पदार्थों के संरक्षण में।
- एस्टर के रूप में इत्र, रंजन तथा औषधियों के निर्माण में एसिटिक अम्ल का उपयोग होता है।
आशा है कि एथेनॉइक अम्ल या एसीटिक अम्ल के बारे में आपको अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ होगा। अगर आपका इससे संबंधित कोई प्रश्न हो तो हमारे साथ उसे जरूर साझा करें।