जैनेंद्र कुमार – जीवन परिचय, रचनाएं, भाषा शैली तथा साहित्य में स्थान PDF

जैनेंद्र कुमार का जीवन परिचय

जैनेंद्र कुमार का जन्म 2 जनवरी सन् 1905 ई० में अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के कौड़ियागंज नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री प्यारेलाल तथा माता का नाम श्रीमती रामादेवी था। जैनेंद्र कुमार के बचपन का नाम आनंदीलाल था। बाल्यावस्था में ही इनके पिता की मृत्यु हो गई थी। उनकी माता और मामा जी ने इनका पालन पोषण किया।

जन्म2 जनवरी सन् 1905 ई० में
जन्म स्थानअलीगढ़ के कौड़ियागंज नामक कस्बे में
बचपन का नामआनंदीलाल
पिता का नामश्री प्यारेलाल
माता का नामश्रीमती रामदेवी
प्रारम्भिक शिक्षाजैन गुरुकुल ऋषि (हस्तिनापुर)
प्रमुख विधाएंकहानी, उपन्यास, निबंध, संस्मरण
रचनाएंसोच विचार, त्यागपत्र, जयसंधि, जड़ की बात, सुनीता, एक रात, कल्याणी, दो चिड़ियॉं आदि
मृत्यु24 दिसंबर सन् 1988 ई० को

जैनेंद्र कुमार की प्रारम्भिक शिक्षा हस्तिनापुर के जैन गुरुकुल ऋषि ब्रह्मचर्याश्रम में हुई। इन्होंने पंजाब से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की। उच्च परीक्षा प्राप्त करने के लिए इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया लेकिन सन् 1921 ई. में असहयोग आंदोलन में भाग लेने के कारण इनकी शिक्षा छुट गई।

जैनेंद्र कुमार का जीवन परिचय
जैनेंद्र कुमार का जीवन परिचय

सन् 1921 – 1923 ई० के बीच इन्होंने अपनी माता की मदद से व्यापार प्रारम्भ किया एवं उसमें सफलता भी प्राप्त की। जैनेंद्र कुमार 1923 में नागपुर पहुंच गए और राजनीतिक पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य करने लगे। इसी समय इन्हें तीन माह तक जेल भी जाना पड़ा। 1928 में उनकी पहली कहानी ‘खेल’ विशाल भारत में प्रकाशित हुई।
24 दिसंबर सन् 1988 ई० को इनका निधन हो गया।

जैनेंद्र कुमार की रचनाएं

जैनेंद्र कुमार जी ने कहानी, उपन्यास, निबंध, संस्मरण आदि गद्य विधाओं पर रचनाएं लिखी हैं। जो निम्न प्रकार से हैं।

  • निबंध-संग्रह → प्रस्तुत प्रश्न, जड़ की बात, पूर्वोदय, साहित्य का श्रेय और प्रेय, मंथन, सोच विचार।
  • कहानी-संग्रह → फॉंसी, जयसंधि, पाजेब, नीलम देश की राजकन्या, एक रात, दो चिड़ियां।
  • उपन्यास → परख, सुनीता, कल्याणी, मुक्तिबोध, सुखदा, विवर्त, व्यतीत, जयवर्धन।
  • संस्मरण → ये और वे।

जैनेंद्र कुमार का साहित्यिक परिचय

प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्र कुमार का एक विशिष्ट स्थान है। इनकी साहित्य सेवा का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। जैनेंद्र जी हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परम्परा के प्रवर्तक के रूप में मान्य है। यह कथाकार के साथ-साथ निबंधकार और विचारक के रूप में भी जाने जाते हैं। इन्होंने साहित्य, कला, धर्म, दर्शन, मनोविज्ञान, समाज तथा राष्ट्र आदि विभिन्न विषयों पर निबंध रचना सुन्दर ढंग से की है। इनके निबंध चिंतन प्रधान और विचारात्मक हैं। जैनेंद्र जी के निबंधों में दर्शन, मनोविज्ञान और अध्यात्म के शब्दों को प्रयुक्त किया गया है।

जैनेंद्र कुमार की भाषा शैली

जैनेंद्र कुमार के निबंधों की भाषा मूलतः चिंतन की भाषा है। प्रमुख रूप से इनकी भाषा के दो रूप दिखाई पड़ते हैं भाषा का सरल व सुबोध रूप और संस्कृतनिष्ठ रूप। इनकी भाषा में मुहावरों तथा कहावतों का भी प्रयोग मिलता है। शब्द चयन में इनका दृष्टिकोण उदार है। यह सही बात को सही ढंग से प्रयुक्त शब्दावली में कहना चाहते हैं इसके लिए चाहे अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत के ही शब्द लेने पड़े।

जैनेंद्र कुमार की शैली अनेक रूपधारिणी है। प्रायः प्रत्येक रचना में इसका नया रूप है। सामान्य रूप से इनके कथा साहित्य में व्याख्यात्मक और विचारात्मक शैली का प्रयोग हुआ है। जैनेंद्र जी की विचारात्मक शैली में प्रश्न, उत्तर, तर्क, युक्ति, दृष्टान्त आदि तत्वों का समावेश उसे गूढ़ता प्रदान करता है। अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए जैनेंद्र जी ने विचारात्मक, प्रश्नात्मक, भावात्मक, मनोविश्लेषणात्मक आदि शैलियों का उपयोग किया है।

जैनेंद्र कुमार का साहित्य में स्थान

जैनेंद्र कुमार बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार हैं। इनकी साहित्य सेवा का क्षेत्र अत्यधिक विस्तृत है। इन्होंने साहित्य कला, दर्शन, समाज, राष्ट्र, धर्म तथा मनोविज्ञान जैसे अनेक विषयों पर निबंधों की रचना सुगमतापूर्वक की है। इन्होंने एक कथाकार, निबंधकार और विचारक के रूप में अद्भुत प्रतिभाएं दिखाई हैं। अतः जैनेंद्र कुमार ने अपनी साहित्य सेवाओं से हिंदी साहित्य को गौरवान्वित किया है।

पुरस्कार

जैनेंद्र कुमार जी को सन् 1971 में ‘पद्म भूषण’ तथा सन् 1989 को ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

आशा की जाती है कि द्वारा प्रस्तुत जैनेंद्र कुमार का जीवन परिचय, रचनाएं, भाषा शैली एवं साहित्य में स्थान से संबंधित यह लेख मदद पूर्ण रहा होगा। अगर आपको इसकी PDF download करनी है। तो कमेंट में बताएं। हम जल्द PDF तैयार करके आपको प्रस्तुत कर देंगे।

सम्बन्धित प्रश्न उत्तर FAQ

  1. जैनेंद्र कुमार का वास्तविक नाम क्या था?

    जैनेंद्र कुमार के बचपन का नाम आनंदीलाल था।

  2. जैनेंद्र कुमार का जन्म कब और कहां हुआ?

    जैनेंद्र कुमार का जन्म 2 जनवरी सन् 1905 ई० में अलीगढ़ के कौड़ियागंज नामक कस्बे में हुआ था।

  3. जैनेंद्र कुमार द्वारा रचित निबंध है?

    प्रस्तुत प्रश्न, जड़ की बात, पूर्वोदय, साहित्य का श्रेय और प्रेय, मंथन, सोच विचार।

  4. जैनेंद्र कुमार के माता-पिता का नाम क्या है?

    इनके पिता का नाम श्री प्यारेलाल तथा माता का नाम श्रीमती रामादेवी है।


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Gulam Waris

हेलो छात्रों, मेरा नाम गुलाम वारिस है। मैं मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से हूं। 2022 में मैंने B.A. की शिक्षा को पूरा किया। और इसके बाद अब में B.ed. कर रहा हूं। हिन्दी, सामान्य ज्ञान, करंट अफेयर्स पर मुझे अच्छी समझ है। मुझे लिखना और पढ़ाना बहुत पसंद है। इसलिए ही मैं ऑनलाइन studynagar.com वेबसाइट की मदद से आप सभी छात्रों तक अपने ज्ञान को सरल और आसान भाषा में प्रस्तुत कराने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

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