संगुणित कोलाइड (मिसेल)
कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कम सांद्रता पर सामान्य प्रबल विद्युत अपघट्य की तरह व्यवहार करते हैं परंतु अधिक सांद्रता पर कणों के संगुणन के कारण कोलाइड के समान ही गुण प्रदर्शित करते हैं। जिन्हें संगुणित कोलाइड कहा जाता है। एवं इस प्रकार प्राप्त संगुणित कोलाइड को मिसेल (micelle in Hindi) कहते हैं।
मिशेल का निर्माण
साबुन उच्च वसीय अम्ल जैसे पामिटिक अम्ल (C15H31COOH) , स्टिऐरिक अम्ल (C17H35COOH) के सोडियम या पोटेशियम लवण होते हैं। जिन्हें क्रमशः RCOONa या RCOOK से दर्शाया जाता है। जहां R लंबी श्रंखला के एल्किल समूह को व्यक्त करता है।
जब साबुन को जल में घोला जाता है तो यह आयनीकृत हो जाता है। तथा RCOO– एवं Na+ का निर्माण करते हैं।
RCOONa \longrightarrow RCOO– + Na+
RCOO– के दो भाग होते हैं। एक भाग ध्रुवीय होता है। जो जल में अविलेय परंतु तेल में विलेय होता है। यह भाग संगुणित होकर मिशेल का निर्माण करते हैं।
इस प्रकार साबुन का एक मिशेल एक ऋणावेशित कोलाइडी कण है। इसमें ध्रुवीय भाग मिसेल से बाहर की ओर जाते हैं। जबकि अध्रुवीय भाग मिसेल के अंदर की ओर व्यवस्थित रहते हैं। क्योंकि मिशेल की सतह पर उपस्थित समूह आयनों के द्वारा घिरा होता है।
मिशेल संबंधी यह अध्याय इतना महत्वपूर्ण नहीं है मिसेल संबंधित प्रश्न परीक्षा में बहुत ही कमी से या एक नंबर में आता है। इसलिए आप इस अध्याय पर ज्यादा ध्यान न दें। बस मिशेल की परिभाषा पढ़ लें, इस पाठ में और बहुत टॉपिक्स हैं जिनसे संबंधित प्रश्न ज्यादातर आते हैं उन पर ज्यादा ध्यान दें। उन सभी के लिंक यह नीचे दिए गए हैं। वह लेख एक बार जरूर पढ़ें।
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