सिलिकॉन
सिलिकॉन यौगिक बहुलक होते हैं। बहुलक श्रृंखला में एकांतर से सिलिकन और ऑक्सीजन परमाणु जुड़े होते हैं। तथा एल्किल या ऐरिल समूह सिलिकन से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़े रहते हैं। सिलिकॉन रेखीय या क्रॉसलिंक बहुलक होते हैं।
उदाहरण – सिलिकॉन कर रही है बहुलक निकलकर होता है।
जहां R – एल्किल या ऐरिल समूह को दर्शाता है।
सिलिकॉन का सामान्य सूत्र होता है सिलिकॉन निम्न प्रकार के होते हैं।
1. रेखीय सिलिकॉन
2. चक्रीय सिलिकॉन
3. शाखायुक्त सिलिकॉन
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सिलिकॉन बनाने की विधि
सिलिकॉन को एल्किल या ऐरिल क्लोरोसीलेन के जल अपघटन द्वारा बने ऑल यौगिकों के निर्जलन द्वारा बनाया जाता है।
सिलिकॉन के गुण
- सिलिकॉन रासायनिक दृष्टि से अक्रिय होते हैं।
- सिलिकॉन फ्लुइड तापीय रूप से स्थायी होते हैं एवं इनकी श्यानता ताप परिवर्तन से प्रभावित नहीं होती है।
- सिलिकॉन द्रव और रबर जैसे ठोस पदार्थ होते हैं द्रव सिलिकॉन बहुत कम ताप पर भी तरल अवस्था में रहते हैं। सिलिकॉन जल प्रत्याकर्षी होते हैं।
- सिलिकॉन रबर की प्रत्यास्थता साधारण रबर की तुलना में बहुत कम तापमान पर भी कायम बनी रहती है।
सिलिकॉन के उपयोग
- सिलिकॉन का उपयोग विद्युत कुचालक के रूप में किया जाता है।
- सिलिकॉन का उपयोग जलरोधी कपड़ों (waterproof fabrics) के निर्माण में होता है।
- निर्वात पंपों के निर्माण में सिलिकॉन प्रयोग की जाती है।