जिओलाइट क्या है इसका उपयोग, गुण, सूत्र पर टिप्पणी लिखिए उत्प्रेरक

जिओलाइट

यदि सिलिकन डाइऑक्साइड के त्रिविमीय जालक में से कुछ सिलिकन परमाणु एलुमिनियम परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है। तब इस प्रकार प्राप्त संरचना को एलुमिनोसिलिकेट कहते हैं। जिस पर ऋण आवेश होता है। Na+, K+ तथा Ca2+ आदि धन आयन इस ऋण आवेश को संतुलित करते हैं। इनके उदाहरण पेल्डस्पार तथा जिओलाइट है। जिओलाइट की संरचना पेल्डस्पार की अपेक्षा अधिक खुली होती है।

खुली संरचना के कारण जिओलाइट धनायन विनिमायक कार्य करते हैं। एनायन, कंकालों में चैनलों द्वारा प्रवेश करते हैं। यह चैनल इतने बड़े होते हैं कि कुछ छोटे आकार के आयन आसानी से विनिमय कर लेते हैं। ये चैनल पानी और अन्य छोटे अणुओं की बिना संरचना को तोड़कर उन्हें अवशोषित और त्याग कर सकते हैं। जिओलाइट का प्रायः आयन विनिमय पदार्थों और आण्विक छलनी के रूप में होता है। जल को मृदु करने के लिए परम्युटिड विधि द्वारा सोडियम जिओलाइट का प्रयोग किया जाता है। नेटरोलाइट Na2[Al2Si3O10]2 · H2O एक प्राकृतिक आयन विनिमायक होता है।

पढ़ें… सिलिकेट खनिज क्या है, संरचना, गुण तथा प्रकार, ऑर्थो एवं पायरो सिलिकेट
पढ़ें… एलुमिनियम क्या है, गुण और उपयोग, यौगिक तथा मिश्रधातु, अयस्क, सूत्र

कठोर जल को मृदु बनाने के लिए जिओलाइट प्रयोग किए जाते हैं। कठोर जल से जिओलाइट Ca+ आयनों को Na+ आयनों के द्वारा विस्थापित कर देता है जिससे जल की कठोरता दूर हो जाती है। अतः जल मृदु हो जाता है।
प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले खनिजों के साथ-साथ कुछ जिओलाइट को संश्लेषित रूप से भी बनाया जाता है। कुछ अन्य जिओलाइट का वर्णन निम्न प्रकार किया गया है।
1. हिलेनडाइट – Ca[Al2Si7O18] · 6H2O
2. चैवेजाइट – Ca[Al2Si4O12] · 6H2O
3. एलनसाइट – Na[AlSi2O6] · H2O

प्राकृतिक और संश्लेषित दोनों ही प्रकार के जिओलाइट बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी पदार्थ होते हैं। इनके रासायनिक एवं औद्योगिक रूप से अनेक अनुप्रयोग हैं।

खुली संरचना होने के कारण जिओलाइट आण्विक छन्नियों का कार्य करते हैं। क्योंकि इनके गुहिकाओं और चैनलों में से अणु स्वतंत्रतापूर्वक अभिगमन कर सकते हैं। छिद्रों के आकार से अधिक बड़े आकार के अणु प्रभावित नहीं होते हैं।

जिओलाइट के उपयोग

  1. पेट्रोरसायन उद्योग में हाइड्रोकार्बन के भंजन तथा समावयवीकरण में जिओलाइट का उपयोग उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
  2. ZSM- 5 का उपयोग ऐल्कोहॉल को सीधे गैसोलीन में बदलने के लिए होता है।
  3. कठोर जल को मृदुकरण करने में जलयोजित जिओलाइट का प्रयोग किया जाता है।

शेयर करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *