छंद कविता की स्वाभाविक गति के नियम-बद्ध रूप हैं। सामान्य धारणा के अनुसार जातीय संगीत और भाषावृत्ति के आधार पर निर्मित लयादर्श की आवृत्ति को छंद कहा जाता है। चौपाई छंद एक मात्रिक छंद है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
चौपाई छंद
चौपाई (chaupai in Hindi) एक सममात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते हैं। और इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं होती हैं। चरण के अंत में जगण (।ऽ।) और तगण (ऽऽ।) का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
यह चौपाई की परिभाषा chhand ki paribhasha सबसे सरल और आसान है एवं इसके उदाहरण में मात्रा लगाकर भी दिखानी चाहिए।
Notes – जगण और तगण क्या हैं यह वर्णिक छंद के प्रकार हैं। इनके बारे में छंद में विस्तार से समझाया गया है वहां से पढ़ें। चौपाई छंद के अंत में दीर्घ वर्ण का होना अच्छा माना जाता है।
चौपाई के उदाहरण
- ऽ।। ।। ।। ।।। । ऽ ऽ = 16 मात्राएं
- बंदउँ गुरु पद पदुम परागा।
। । । । ऽ । । । । । । ऽ ऽ = 16 मात्राएं
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥
। । । ऽ । ।। ऽ।। ऽ ऽ = 16 मात्राएं
अमिय मूरिमय चूरन चारू।
। । । । । । । । ।। । । ऽ ऽ = 16 मात्राएं
समन सकल भव रुज परिवारू॥
इस उदाहरण में चार चरण हैं और प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं हैं। तथा चरण के अंत में जगण और तगण का प्रयोग निषेध है। अतः यह चौपाई छंद है।
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- । । । ऽ । ऽ । । । । ऽ ऽ = 16 मात्राएं
- निरखि सिद्ध साधक अनुरागे।
। । । । ऽ । । ऽ । । ऽ ऽ = 16 मात्राएं
सहज सनेहु सराहन लागे।।
ऽ । । ऽ । । ऽ । । । । ऽ = 16 मात्राएं
होत न भूतल भाउ भरत को।
। । । । । । । । । । । । । । ऽ = 16 मात्राएं
अचर सचर चर अचर करत को।।
इस उदाहरण में चार चरण हैं और प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं हैं। एवं चरण के अंत में जगण और तगण का प्रयोग नहीं हुआ है। अतः यह भी चौपाई छंद का उदाहरण है।
- । । । । । ऽ । ऽ । । ऽ ऽ = 16 मात्राएं
- बिनु पग चले सुने बिनु काना।
कर बिनु कर्म करे विधि नाना॥
तनु बिन परस नयन बिनु देखा।
गहे घ्राण बिनु वास असेखा॥
यहां चौपाई के उदाहरण मात्रा सहित दिए गए हैं। ताकि आपको आसानी से समझाया जा सके।
Note – तुलसी और जायसी चौपाई छंद के प्रमुख कवि हैं। कबीर की रमैनियॉं भी चौपाई छंद में हैं।
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चौपाई छंद संबंधित प्रश्न उत्तर
Q.1 चौपाई की परिभाषा क्या होती है?
Ans. चौपाई एक सममात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते हैं। और इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं होती हैं।
Q.2 चौपाई के प्रत्येक चरण में कितनी कितनी मात्राएं होती हैं?
Ans. चौपाई के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं होती हैं।
Q.3 चौपाई का उदाहरण क्या होगा?
Ans. बंदउँ गुरु पद पदुम परागा।
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥
अमिय मूरिमय चूरन चारू।
समन सकल भव रुज परिवारू॥