उपसहसंयोजन यौगिक
वह यौगिक जो ठोस एवं विलयन दोनों अवस्थाओं में स्थायी होते हैं। एवं यह जल में अपने अवयवी आयनों में वियोजित नहीं होते हैं। तथा इन यौगिकों के गुण इनके अवयवी आयनों से पूर्ण रूप से भिन्न होते हैं। इस प्रकार के यौगिकों को उपसहसंयोजन यौगिक (co-ordination compound in Hindi) कहते हैं।
उपसहसंयोजन यौगिक खनिज, वनस्पति तथा जंतुओं में प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
![Class 12 Chemistry chapter 5 notes in Hindi pdf](https://studynagar.com/wp-content/uploads/2024/07/Class-12-Chemistry-chapter-5-notes-in-Hindi-pdf.png)
उपसहसंयोजन यौगिकों का स्थायित्व
किसी उपसहसंयोजन यौगिक का स्थायित्व धातु आयनों तथा लिगेंडो के मध्य अन्योन्य क्रिया के परिमाण पर निर्भर करता है। अन्योन्य क्रिया जितनी अधिक प्रबल होगी उसके फलस्वरुप बनने वाले संकर यौगिक उतना ही अधिक स्थायी होंगे। लिगेंड जितना अधिक क्षारीय होता है संकर उतना ही अधिक स्थायी होता है।
उपसहसंयोजन यौगिकों के अनुप्रयोग
- औषध रसायन में उपसहसंयोजन यौगिकों का प्रयोग होता है।
- धातुओं के निष्कर्षण में उपसहसंयोजन यौगिक प्रयोग किए जाते हैं।
- जल की कठोरता दूर करने में।
- विश्लेषणात्मक रसायन में।
- उत्प्रेरक के रूप में भी प्रयोग किए जाते हैं।
- जैविक प्रणालियों में उपसहसंयोजन यौगिकों का प्रयोग होता हैं।
पढ़ें… 12वीं रसायन विज्ञान नोट्स | 12th Chemistry notes in Hindi PDF download NCERT
महत्वपूर्ण प्रश्न
1. NH3 संकुल बनाता है जबकि NH4+ आयन संकुल नहीं बनाता है क्यों?
उत्तर – क्योंकि NH3 में N पर एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित होता है। जबकि NH4+ में N पर एक भी एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित नहीं होता है। इसी कारण NH3 संकुल बनाता है जबकि NH4+ संकुल नहीं बनाता है।
2. [Ag(NH3)2]Cl का IUPAC नाम है?
उत्तर – IUPAC नामों पर हमने एक स्पेशल लेख तैयार किया है जिसके अंतर्गत हमने उपसहसंयोजन यौगिक के नाम कैसे बनाते हैं। उन्हें पूरा समझाया गया है। वह लेख जरूर पढ़ें। नीचे उसका लिंक दिया गया है।
चूंकि नाम एक या दो नंबर में परीक्षाओं में जरूर पूछा जाता है। इसलिए आप इनके नाम को अच्छे से समझें और लिखकर अभ्यास करें।
[Ag(NH3)2]Cl = डाइऐम्मीन सिल्वर I क्लोराइड
Class 12 Chemistry chapter 5 notes in Hindi pdf
उपसहसंयोजन यौगिक अध्याय कक्षा 12वीं रसायन का एक बहुत महत्वपूर्ण पाठ है। इस पाठ में बहुत सारे टॉपिक है। जिनको समझना आपको जरूरी है। क्योंकि उनसे संबंधित प्रशन Short और Long में जरूर पूछे जाते हैं। जैसे संयोजकता आबंध सिद्धांत, लिगेंड, IUPAC नाम आदि आप सभी लेख पढ़ें…
• उपसहसंयोजक यौगिकों का वर्नर सिद्धांत के गुण, प्राथमिक तथा द्वितीयक संयोजकता के उदाहरण, सीमाएं
• उपसहसंयोजन संख्या, केंद्रीय धातु परमाणु क्या है परिभाषित कीजिए, समन्वय संख्या
• लिगेंड क्या है वर्गीकरण, कीलेट एकदंतुक द्विदंतुक तथा बहुदंतुक लिगेण्ड
• उपसहसंयोजक यौगिकों का IUPAC नामकरण लिखिए, सूत्र
• समावयवता क्या है स्थिति, संरचना, श्रृंखला, त्रिविम, ज्यामिति, स्थान, क्रियात्मक के प्रकार उदाहरण सहित
• संयोजकता बंध सिद्धांत क्या है नियम व सीमाएं लिखिए, VBT सिद्धांत के मुख्य बिंदु pdf
• क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धांत क्या है सीमाएं, अनुप्रयोग लिखिए, अष्टफलकीय, चतुष्फलकीय क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन