प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम भयानक रस की परिभाषा उदाहरण सहित का वर्णन करेंगे। इस रस के बारे में कक्षा 11 और कक्षा 12 में पूछा जाता है। एवं प्रतियोगी परीक्षार्थी भी जरूर पढ़ें।
किसी साहित्य को पढ़कर या सुनकर एवं नाटक को देखकर पाठक या दर्शक को जिस आनंद की अनुभूति होती है। वह रस कहलाता है। रस के चार अवयव होते हैं।स्थायी भाव को प्रधान भाव कहा जाता है।
भयानक रस
जब किसी भयानक व्यक्ति या वस्तु को देखने से या किसी दुखद घटना का स्मरण करने से हृदय में जो व्याकुलता उत्पन्न होती है। उसे भय कहते हैं। इस भय के उत्पन्न होने से ही भयानक रस (bhayanak ras in Hindi) की उत्पत्ति होती है। भयानक रस का स्थायी भाव भय होता है।
इसमें किसी भयानक वस्तुओं को देखकर मन में भय उत्पन्न होता है। या किसी भयानक व्यक्ति या वस्तु से संबंधित वर्णन करने से मन में भय उत्पन्न हो जाता है।
भयानक रस की परिभाषा
भयानक रस का स्थायी भाव भय होता है। भय नामक स्थायी भाव जब विभाव, अनुभाव और संचारी भावों से पुष्ट होता है। तब भयानक रस की निष्पत्ति होती है।
भयानक रस का उदाहरण
एक ओर अजगरहिं, एक ओर मृगराय।
विकल बटोही बीच ही, परयों मूरछा खाय॥
स्पष्टीकरण – यहां पथिक के एक ओर अजगर और दूसरी ओर सिंह के होने से वह भय के मारे मूर्च्छित हो गया है।
स्थायी भाव – भय
आलम्बन – अजगर और सिंह, यात्री (आश्रय)
उद्दीपन – अजगर और सिंह की भयावह आकृतियां और चेष्टाएं
अनुभाव – यात्री को मूर्छा आना
संचारी भाव – आवेग, निर्वेद, दैन्य, शंका, व्याधि आदि।
इन सबसे पुष्ट होकर भय नामक स्थायी भाव भयानक रस की दशा को प्राप्त हुआ है।
भयानक रस के अन्य उदाहरण
- उधर गरजती सिंधु लहरियॉं कुटिल काल के जालौं सी।
चली आ रहीं फेन उंगलती फन फैलायें व्यालों सी।।
- लंका की सेना तो कपि के गर्जन रव से कॉंप गई।
हनूमान के भीषण दर्शन से विनाश ही भॉंप गई।
उस कंपित शंकित सेना पर कपि नाहर की मार पड़ी।
त्राहि-त्राहि शिव त्राहि-त्राहि शिव की सब ओर पुकार पड़ी॥
स्पष्टीकरण – इसमें स्थायी भाव – भय है।
आलम्बन – हनुमान् एवं लंका की सेना आश्रय
उद्दीपन – गर्जन-रव और भीषण दर्शन
अनुभाव – कॉंपना, त्राहि-त्राहि पुकारना आदि
संचारी भाव – शंका, चिन्ता, सन्त्रास आदि।
इनसे पुष्ट भय स्थायी भाव भयानक रस को प्राप्त हुआ है।
भयानक रस की परिभाषा उदाहरण सहित इसका वर्णन इस लेख अंतर्गत काफी आसान भाषा में किया गया है। जो आपके लिए मदद पूर्व रहा होगा। अपने विचारों को कमेंट में जरूर बताएं।
भयानक रस संबंधित प्रश्न उत्तर
Q.1 भयानक रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए?
Ans. भय नामक स्थायी भाव जब विभाव, अनुभाव और संचारी भावों से पुष्ट होता है। तब भयानक रस की निष्पत्ति होती है।
Q.2 भयानक रस का स्थायी भाव क्या होता है?
Ans. भयानक रस का स्थायी भाव भय होता है।
Q.3 भयानक रस का उदाहरण क्या होगा?
Ans. एक ओर अजगरहिं, एक ओर मृगराय।
विकल बटोही बीच ही, परयों मूरछा खाय॥