किसी काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस चरम आनंद की अनुभूति होती है। उसे ही रस कहा जाता है। रस को काव्य की आत्मा माना जाता है।
पाठक या श्रोता के हृदय में स्थित स्थायी भाव ही विभावादि से संयुक्त होकर रस रूप में परिणत हो जाता है।
रस के चार अवयव होते हैं।
स्थायी भाव, विभाग, अनुभाव तथा संचारी भाव।
रौद्र रस की परिभाषा उदाहरण सहित का यहां पर विस्तार से अध्ययन किया गया है।
रौद्र रस
रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध होता है। जहां विभाव, अनुभाव एवं संचारी भाव संयोग से ‘क्रोध’ नामक स्थायी भाव रस रूप धारण करता है। तब वहां रौद्र रस (raudra ras in Hindi) होता है।
रौद्र रस की परिभाषा
जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दूसरे पक्ष, व्यक्ति, देश, समाज या धर्म का अपमान या अपकार करने से उनकी प्रतिक्रिया में जो क्रोध उत्पन्न होता है। वह विभाव, अनुभाव और संचारी भावों से परिपुष्ट होकर रौद्र रस का रूप धारण कर लेता है। रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध होता है।
रौद्र रस का उदाहरण
श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्षोभ से जलने लगे।
सब शील अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे॥
संसार देखे अब हमारे शत्रु रण में मृत पड़े।
करते हुए यह घोषणा वे हो गए उठ कर खड़े॥
स्पष्टीकरण – यहां स्थायी भाव क्रोध है।
आलम्बन – अपराधी व्यक्ति, दुराचारी, शत्रु, लोक पीड़ा
अनुभाव – ऑंख लाल होना, होंठों का फड़फड़ाना
उद्दीपन – अनिष्ट कार्य, निंदा, कठोर वचन
संचारी भाव – मोह, उग्रता, हर्ष, स्मृति, आवेग, चपलता, उत्सुकता आदि
इन सबसे पुष्ट क्रोध स्थायी भाव रौद्र रस को प्राप्त हुआ है।
रौद्र रस के अन्य उदाहरण
- उस काल मरे क्रोध के तन कॉंपने उसका लगा
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।
- अतिरस बोले वचन कठोर।
बेगि दिखाउ मूढ़ नत आजू।
उलटउॅं महि जहॅं जग तवराजु॥
रौद्र रस की परिभाषा उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।इस लेख के अंतर्गत हमने इसी का अध्ययन किया है। एवं अगर आपको इसमें कोई कमी या गलती लगती है। या आप अपने सुझाव देना चाहते हैं। तो हमसे जरूर कमेंट के माध्यम से संपर्क करें।
रौद्र रस संबंधित प्रश्न उत्तर
Q.1 रौद्र रस किसे कहते हैं परिभाषा दीजिए?
Ans. जहां विभाव, अनुभाव एवं संचारी भाव संयोग से ‘क्रोध’ नामक स्थायी भाव रस रूप धारण करता है। तब वहां रौद्र रस होता है।
Q.2 रौद्र रस का उदाहरण क्या है?
Ans. उस काल मरे क्रोध के तन कॉंपने उसका लगा
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।
Q.3 रौद्र रस का स्थायी भाव क्या होता है?
Ans. रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध है।