श्रृंगार रस किसे कहते हैं, परिभाषा, उदाहरण, भेद | संयोग और वियोग श्रृंगार

कविता, कहानी, उपन्यास आदि को पढ़कर या सुनकर एवं नाटक को देखकर जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं। वैसे तो रस के कई प्रकार हैं। लेकिन हम यहां पर श्रृंगार रस किसे कहते हैं। इसके बारे में अध्ययन करेंगे। इसकी परिभाषा और उदाहरण भी समझेंगे।

श्रृंगार रस की परिभाषा उदाहरण सहित
श्रृंगार रस की परिभाषा उदाहरण सहित

श्रृंगार रस

श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति होता है। जब विभाव, अनुभाव और संचारी भाव के संयोग से रति नामक स्थायी भाव रस रूप में परिणत हो जाता है। तो उसे श्रृंगार रस (shringar ras in Hindi) कहते हैं। श्रृंगार रस को ‘रसराज’ भी कहा जाता है।
शृंगार रस का आधार स्त्री पुरुष का सहज आकर्षण है। श्रृंगार के निम्नलिखित दो भेद होते हैं।

श्रृंगार रस का उदाहरण

मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरा न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई॥

श्रृंगार रस के भेद

श्रृंगार रस में सुखद और दुखद दोनों प्रकार की अनुभूतियां होती हैं। इसी आधार पर श्रृंगार रस के दो भेद होते हैं।
1. संयोग श्रृंगार
2. वियोग श्रृंगार

संयोग श्रृंगार

नायक और नायिका के परस्पर मिलन, स्पर्श, आलिंगन, वार्तालाप आदि का वर्णन संयोग श्रृंगार कहलाता है।

संयोग श्रृंगार का उदाहरण

कौन हो तुम वसन्त के दूत
विरस पतझड़ में अति सुकुमार ;
घन तिमिर में चपला की रेख
तपन में शीतल मंद बयार!

स्पष्टीकरण – इसमें स्थायी भाव – रति है।
आलंबन विभाव – श्रद्धा (विषय) और मनु (आश्रय)
उद्दीपन विभाव – एकान्त प्रदेश, श्रद्धा की कमनीयता, कोकिल-कण्ठ, रम्य परिधान
संचारी भाव – हर्ष, चपलता, आशा, उत्सुकता आदि।
इन सबसे पुष्ट होकर रति स्थायी भाव संयोग श्रृंगार को प्राप्त हुआ है।

Note – परीक्षाओं में स्पष्टीकरण को जरूर करना चाहिए। अगर पेपर में नहीं पूछा जाता है तो छोड़ सकते हैं। लेकिन इसके करने से आपको नंबर पूरे मिलते हैं। टॉपर्स इन्हीं छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

संयोग श्रृंगार के अन्य उदाहरण

  1. बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
    सौंह करै, भौंहनि हॅंसै, दैन कहै, नहि जाए।
  1. थके नयन रघुपति छबि देखे।
    पलकन्हि हूॅं परिहरी निमेवे॥
    अधिक सनेह देह भई भोरी।
    सरद ससिहिं जनु चितव चकोरी॥

वियोग श्रृंगार

जहां एक दूसरे को प्रेम करने वाले नायक और नायिका के वियोग (विरह) का वर्णन होता है। वहां वियोग श्रृंगार होता है। वियोग श्रृंगार को विप्रलम्भ श्रृंगार भी कहते हैं।
इसमें नायक और नायिका के मिलन का अभाव रहता है।

वियोग श्रृंगार का उदाहरण

भूषण वसन विलोकत सिय के।
प्रेम विवस मन कम्प, पुलक तनु नीरज नयन नीर भरे पिर के।
सकुचत कहत सुमिरि उर उमगत, सील सनेह सगुण गुण तिय के॥

स्पष्टीकरण – इसमें सीता के वियोग में राम के प्रेम का वर्णन है।
स्थायी भाव – रति
आलंबन विभाव – सीता (विषय) और राम (आश्रय)
उद्दीपन विभाव – सीता के आभूषण और वस्त्र
संचारी भाव – आवेग, विषाद, ब्रीड़ा, स्मृति।

वियोग श्रृंगार के अन्य उदाहरण

  1. निसि दिन बरसत नयन हमारे।
    सदा रहती पावस ऋतु हमपै, जब ते श्याम सिधारे॥
  1. मेरे प्यारे नव जलद से कंज से नेत्र वाले।
    जाके आये न मधुबन से औ न भेजा संदेशा।
    मैं रो रो के प्रिय-विरहा से बावली हो रही हूॅं।
    जा के मेरी सब दुख-कथा श्याम को तू सुना दे॥
  1. हे खग-मृग हे मधुकर स्रेनी, तुम देखी सीता मृग नैनी।

Note – परीक्षाओं में श्रृंगार रस के बारे में ज्यादा नहीं पूछा जाता है क्योंकि इसके दो भेद हैं। जिनके बारे में अलग-अलग पूछा जाता है जैसे संयोग श्रृंगार की परिभाषा उदाहरण तथा स्पष्टीकरण दीजिए। ऐसे ही वियोग श्रृंगार के बारे में भी पूछा जाता है

अगर आप कक्षा 12 के छात्र हैं। तो श्रृंगार रस के अथवा में जो रस दिया होता है। उसे ही करने का प्रयास करें। यदि संयोग या वियोग श्रृंगार का अलग प्रश्न है तो इसे ही करें। उसे प्राथमिकता दें जो आपको आसानी से याद हो जाए।

Note – श्रृंगार रस से संबंधित यह लेख बहुत जांच करके एक्सपर्ट की निगरानी में बनाया गया है। यदि आपको इसमें कहीं गलती लगती है। तो कृपया हमें ईमेल या कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। यह तो अपना सुझाव भी साझा करें।
धन्यवाद


श्रृंगार रस संबंधित प्रश्न उत्तर

Q.1 श्रृंगार रस किसे कहते हैं?

Ans. जब विभाव, अनुभाव और संचारी भाव के संयोग से रति नामक स्थायी भाव रस रूप में परिणत हो जाता है। तो उसे श्रृंगार रस कहते हैं।

Q.2 श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?

Ans. श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति होता है।

Q.3 श्रृंगार रस के कितने भेद होते हैं?

Ans. श्रृंगार रस के दो भेद संयोग और वियोग श्रृंगार होते हैं।

Q.4 श्रृंगार रस का उदाहरण क्या होगा?

Ans. मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरा न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।।


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Gulam Waris

हेलो छात्रों, मेरा नाम गुलाम वारिस है। मैं मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से हूं। 2022 में मैंने B.A. की शिक्षा को पूरा किया। और इसके बाद अब में B.ed. कर रहा हूं। हिन्दी, सामान्य ज्ञान, करंट अफेयर्स पर मुझे अच्छी समझ है। मुझे लिखना और पढ़ाना बहुत पसंद है। इसलिए ही मैं ऑनलाइन studynagar.com वेबसाइट की मदद से आप सभी छात्रों तक अपने ज्ञान को सरल और आसान भाषा में प्रस्तुत कराने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

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