चुंबकीय क्षेत्र क्या है
किसी चुंबक के चारों का वह क्षेत्र जिसमें चुंबकीय सुई पर एक बल-आघूर्ण स्थापित होता है। जिसके कारण चुंबकीय सुई घूमकर एक निश्चित दिशा में ठहरती है। चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है।
हमारी पृथ्वी भी एक चुंबक की भांति व्यवहार करती है। जिसका चुंबकीय क्षेत्र होता है। यही कारण है। कि जब हम कोई चुंबकीय सुई को स्वतंत्रपूर्वक लटका देते हैं। तो वह सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में ही ठहरती है।
पढ़ें… 12th physics chapter 4 objective questions in hindi
विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र में संबंध
जब +q आवेश का कण विद्युत क्षेत्र E में गति करता है। तो उस पर लगने वाला बल
F = qE समी. ①
अभी यदि +q आवेश के कण को चुंबकीय क्षेत्र B में v वेग से क्षेत्र के लंबवत प्रवेश कराया जाता है। तो उस पर लगने वाला बल
F = qBv समी. ②
अब समी. ① व समी. ② से
F = F
qE = qBv
E = Bv
\footnotesize \boxed { v = \frac{E}{B} } मीटर/सेकंड
यही विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र के बीच संबंध होता है।
पढ़ें… 12वीं भौतिकी नोट्स | class 12 physics notes in hindi pdf
एकसमान चुंबकीय क्षेत्र के पाश (लूप) पर लगने वाले बल युग्म का आघूर्ण
माना एक आयताकार लूप PQRS एकसमान चुंबकीय क्षेत्र B में रखा गया है।
चूंकि हम जानते हैं। कि आयताकार वस्तु की आमने – सामने की भुजाएं बराबर होती है।
इसलिए ही PQ = RS = ℓ तथा QR = PS = b होंगी। तो इस आयताकार लूप की भुजा PQ व RS पर लगने वाला बल
F1 = F2 = iBℓsin90° = iBℓ
ये बल बराबर तथा विपरीत है।
अतः यह लूप को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाने का प्रयत्न करते हैं। तो इस प्रत्यानयन बल युग्म का आघूर्ण
τ = बल × लम्वबत् दूरी
τ = iBℓ × bsinθ
\footnotesize \boxed { τ = iBAsinθ } न्यूटन-मीटर
यदि लूप के स्थान पर N फेरों वाली कुंडली प्रयोग की जाती है तो
\footnotesize \boxed { τ = NiBAsinθ } न्यूटन-मीटर
जहां A = क्षेत्रफल (A = ℓ × b) है, B = चुंबकीय क्षेत्र तथा i = विद्युत धारा है।
Physics class 12th chapter 4 में बहुत टॉपिक ऐसे हैं। जिनको हमने इस अध्याय के अंतर्गत नहीं रखा है। उनको समझाने के लिए हमने अलग-अलग post तैयार की है। जिनके डारेट link आपको नीचे दिए गए हैं। जो अध्याय पढ़ना हो आप पढ़ सकते हैं। स्टूडेंट ध्यान दें – कि ज्यादा विस्तार से देखकर भाग मत जाना। कि इसने कितना ज्यादा लिखा है कहां तक पढ़े। याद रखना की किताब वही बेस्ट है। जिसमें पेज ज्यादा होते हैं शाॅर्ट में पढ़ने से आप बस पास हो सकते हैं। लेकिन उसे गहराई से समझ नहीं सकते। इसलिए सभी अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
Tq sir